प्रतिदिन हजार बार भगवन्नाम लेने से जीवात्मा के पतन का द्वार बन्द हो जाता है । कितनी भी उन्नति हो जाय पर 10 माला भूलना मत, सारस्वत्य मंत्र, गुरुमंत्र की कम-से-कम 10 माला जरूर करना । और 10 माला ही करके रुकना मत, अधिकं जपं अधिकं फलम् । तुकाराम महाराज केवल हजार बार भगवन्नाम नहीं लेते थे, दिनभर लेते थे । हम केवल हजार बार भगवन्नाम नहीं लेते या केवल 10 माला नहीं करते… बहुत करना चाहिए । जैसे जो नहीं कमाता है उसको तो माँ-बाप बोलेंगे कि ‘चलो भाई ! इतना कमा लो ।’ लेकिन जो कमाने वाला है उसको बोलेंगे कि ‘और कमाओ ।’ तो यह रुपया पैसा जो यहीं छोड़कर जाने वाली चीज है उसकी कमाई में लोभी लगता है और उससे माँ-बाप खुश होते हैं तो भक्त भगवान की ( भगवन्नाम-जप, सत्संग, ध्यान, भगवत्प्रीत्यर्थ सत्कर्म आदि की ) कमाई में लोभ करेगा तो भगवान खुश होते हैं ।
स्रोतः ऋषि प्रसाद, मार्च 2022, पृष्ठ संख्या 19 अंक 351
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