048 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 1996

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सनातन धर्म


ज्ञान-प्रेम-माधुर्य का महासागर पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू दुनिया के हर प्राचीन धर्म ने, दुनिया के हर सुलझे हुए संप्रदाय और कई प्रबुद्ध महापुरुषों ने और राजा-महाराजाओं ने जिसका सहर्ष स्वीकार किया और अनुभूतियाँ की हैं, सारी पृथ्वी पर, अतल, वितल, महातल, रसातल, स्वर्गलोक, भूर्लोक, भूवर्लोक, जनलोक, तपलोक पर जिसका साम्राज्य छाया हुआ है वह …

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पूर्ण जीवन के तीन सूत्र


प्रशान्ति-निर्भयता-ब्रह्मचर्यव्रत पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू नानक जी ने कहा हैः पूरा प्रभु आराधिया पूरा जा का नाँव। नानक पूरा पाइया, पूरे के गुन गाँव।। जब तक पूरे प्रभु का ज्ञान नहीं मिलता, पूरे प्रभु की आराधना नहीं होती, ʹपूरे प्रभु के साथ अपना नित्य संबंध हैʹ ऐसा अनुभव नहीं होता तब तक अपूर्ण प्रकृति …

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मौत के मुख से सकुशल वापसी


आज तक तो साधकों के मुख से सुना ही था कि श्रीआसारामायण का पाठ करने वाले साधकों की रक्षा स्वयं पूज्य श्री ही करते हैं परन्तु गत दिनों मेरे जीवन में भी ऐसा प्रसंग आया कि उन अनुभवसंपन्न साधकों में मैं भी शरीक हो गया। घटना 17 सितम्बर 1996 की है। मैं दिल्ली से करीब …

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