339 ऋषि प्रसादः मार्च 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

परिप्रश्नेन…


साधकः भगवान सबके अंदर हैं फिर भी किसी के अंदर अच्छाई होती है, किसी के अंदर बुराई – ऐसा क्यों हो जाता है ? पूज्य बापू जीः अरे, देखो बबलू ! विद्युत के विभिन्न उपकरणों में विद्युत एक ही होती है लेकिन गीजर पानी गरम करता है और कसाईखाने की मशीनें गायों को, बकरों को, …

Read More ..

जैसा चिंतन वैसा जीवन – पूज्य बापू जी


एक लड़का था । उसको डॉक्टर बनने की धुन चढ़ी, यह अक्ल नहीं थी कि डॉक्टर बनने के बाद भी आखिर क्या ! वह 12वीं कक्षा पास करके मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहता था तो उस क्षेत्र की किताबें उसने पढ़ना चालू कर दिया । जैसा पढ़ते हैं न, वैसा चिंतन होता है । तो …

Read More ..

बालक कमाल का कमाल – पूज्य बापू जी


संत कबीर जी के पुत्र हो गये कमाल । वे छोटे थे, विद्यार्थी थे तब अपने मित्रों के साथ खेल खेलते थे । खेलकूद में कभी कोई हारे, कभी कोई जीते । तो जो जीतता था उसके दाँव बन जाते थे, जैसे कि 4 दाँव लेने बाकी हैं, 2 दाँव लेने बाकी हैं । खेलना …

Read More ..