255 ऋषि प्रसाद मार्च 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

विभु तत्त्व को जानकर व्यापक हो जाओ


श्रीराम नवमीः 8 अप्रैल संत श्री एकनाथ जी महाराज ने ‘भावार्थ रामायण’ के द्वारा तात्त्विक ज्ञान की दृष्टि से भगवान श्रीराम के जीवन-चरित्र का निरूपण किया है, जो अध्यात्म के जिज्ञासुओं तथा आत्मकल्याण के इच्छुकों के लिए बहुत ही उपयोगी है। भक्त की आत्मानंद में लीन हो जाने की स्थिति का वर्णन करते हुए संत …

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क्रूर से डरो नहीं, स्वधर्म छोड़ो नहीं – पूज्य बापू जी


चेटीचंड पर्वः 1 अप्रैल 2014 झूलेलाल जी का वरुण अवतार यह खबर देता है कि कोई तुम्हारे को धनबल, सत्ताबल अथवा डंडे के बल से अपने धर्म से गिराना चाहता हो तो आप ‘धड़ दीजिये धर्म न छोड़िये।’ सिर देना लेकिन धर्म नहीं छोड़ना। भगवान झूलेलाल को अवतरण सिंधु नदी के किनारे बसने वाले सत्संगी …

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जब भगवान तक पहुँची चिट्ठी – पूज्य बापू जी


एक बालक था मुकंद और उसके भाई का नाम था अनंत। अनंत और उनके पिताजी के  नाम पत्र आते लेकिन  नन्हा मुकुंद सोचता कि ‘मेरे को कोई पत्र ही नहीं लिखता !’ अनंत उसे चिढ़ाता था कि “तुम्हें कोई पत्र नहीं लिखता। मुझे कितना मित्र पत्र लिखते हैं, पिता जी को भी कितने लोग पत्र …

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