285 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2016

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

गुणों व खनिजों का खजानाः चौलाई


हरी सब्जियों में उच्च स्थान प्राप्त करने वाली चौलाई एक श्रेष्ठ पथ्यकर तथा अनेक खनिजों का खजाना है। आयुर्वेद के ‘भावप्रकाश निघंटु’ के अनुसार यह हलकी, शीतल, रूक्ष, रूचिकारक, अग्निदीपक एवं मूत्र व मल को निकालने वाली तथा पित्त, कफ, रक्तविकार व विष को दूर करने वाली होती है। चौलाई की मुख्य दो किस्में होती …

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बालक तीर्थराम का अगाध सत्संग प्रेम


बालक तीर्थराम जब एक वर्ष के थे तभी उनकी माँ का देहान्त हो गया था। उनका पालन-पोषण उनकी बुआ ने किया था, जो एक धर्मपरायण महिला थीं। वे प्रतिदिन बालक को मंदिर ले जातीं। बालक के मन पर वहाँ के सात्त्विक वातावरण का अत्यधिक प्रभाव पड़ा। शंख-ध्वनि से तीर्थराम को इतना प्रेम था कि उसको …

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गौमाता की बुद्धिमत्ता व संवेदनशीलता


मातरः सर्वभूतानां गावः सर्वसुखप्रदाः। ‘गौएँ सम्पूर्ण प्राणियों की माता कहलाती हैं। वे सबको सुख देने वाली हैं।’ (महाभारतः अनुशासन पर्वः 69.7) गौमाता प्रेम, दया, त्याग, संतोष, सहिष्णुता एवं वात्सल्य की साक्षात मूर्ति है। गोवंश में बुद्धिमत्ता तथा सोचने समझने की क्षमता होती है। इसका सबसे सरल उदाहरण यह है कि पचास गायों को एक साथ …

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