249 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2013

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वह अधीनता जिससे परम स्वाधीनता – पूज्य बापू जी


पंचभौतिक शरीर माया का है, मन, बुद्धि, अहंकार भी माया है, यह अष्टधा प्रकृति है। भगवान बोलते हैं कि ʹयह अष्टधा प्रकृति मैं नहीं हूँ, तो तुम भी यह नहीं हो।ʹ भगवान के वचन मान लो। भूमिरापोઽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च। अहंकार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा।। गीताः 7.4 ये प्रकृति, पंचभौतिक शरीर, मन, बुद्धि, …

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तौबा-तौबा ! कैसी दुःखदायी है ममता ! – पूज्य बापू जी


तुलसी ममता राम सौं, समता सब संसार। ममता अगर करनी है तो अंतर्यामी प्रभु से करो। ʹबेटे का क्या होगा, बेटी का क्या होगा, दुकान का क्या होगा, फलाने का क्या होगा, फलानी का क्या होगा ?ʹ ऐसा सोचते रहने वाले दुःखी होकर मर जाते हैं। फिर कहाँ जायेंगे, कौन सी योनि में भटकेंगे कोई …

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पूज्य बापू जी को बदनाम करने का सुनियोजित षड्यन्त्र


पिछले 50 वर्षों से ʹसंयम-साधना व सत्संगʹ की महिमा को जन जन तक पहुँचाने वाले एवं पिछले 8 वर्षों से विश्वभर के युवानों को ओज-तेज का नाश करने वाले ʹवेलेन्टाइन डेʹ की जगह 14 फरवरी को ʹमातृ-पितृ पूजन दिवसʹ मनाने की सुन्दर प्रेरणा देने वाले पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू संयम, स्नेह, ब्रह्मचर्य, ब्रह्मनिष्ठा …

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