053 ऋषि प्रसादः मई 1997

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

मुंज की गुरुभक्ति


पूज्यपाद संत श्री आशाराम जी बापू चाहे जीवन में कितनी भी विघ्न बाधाएँ आयें और चाहे कितनी भी प्रलोभन आयें किन्तु उनसे प्रभावित न होकर भी जो शिष्य गुरुसेवा में जुटा रहता है, वह गुरु का कृपापात्र बन पाता है। अनेक विषम कसौटियों में भी जिसकी गुरुभक्ति विचलित नहीं होती उसका ही जीवन धन्य है। …

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शरीर स्वास्थ्य


सेवफल प्रातःकाल खाली पेट सेवफल का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सेव को छीलकर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसके छिलके में कई महत्त्वपूर्ण क्षार होते हैं। इसके सेवन से मसूड़े मजबूत होते हैं, दिमाग शांत होता है व अच्छी नींद आती है। यह रक्तचाप को कम करता है। सेव वायु तथा पित्त का नाश …

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सत्संग से जागे विवेक


पूज्यपाद संत श्री आशाराम जी बापू सत्संग से वंचित होना महान पापों का फल है। किसी भी कीमत पर सत्संग का त्याग नहीं करना चाहिए। वशिष्ठजी कहते हैं कि चांडाल के घर की भिक्षा एक ही बार मिले, वह भी ठीकरे में लेकर खाना पड़े पर जहाँ ज्ञान का सत्संग मिलता हो वहीं पड़े रहना …

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