338 ऋषि प्रसादः फरवरी 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

तो आप न चाहो तो भी भगवान मिल जायेंगे – पूज्य बापू जी


संसार की वासना छोड़ना कठिन है तो क्या वह पूरी करना आसान है ? नहीं, संसार को पाना कठिन है । मैं तो कहता हूँ कि भगवान को पाना कठिन लगता है लेकिन संसार को पाना असम्भव है । लगता है कि पा लिया, पा लिया, पा लिया…. पर आ-आ के चला जाता है, ठहरेगा …

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क्यों आते हैं कष्ट-मुसीबतें ? – पूज्य बापू जी


ईश्वरप्राप्ति के लिए जो भी सह लिया थोड़ा है । ईश्वर का इतना बड़प्पन है कि उसके लिए कुछ भी सहो, बहुत थोड़ा है । मीराबाई ने सहा, शबरी ने बहुत सहा फिर भी थोड़ा है । कोई बेवकूफ हो तो वह दुःख कहीं भी बना लेगा कि ‘हम तो दुःखी हैं ।’ उसका दुःख …

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यह अंत में तत्त्वज्ञान करा देगा


प्रत्येक धर्म (कर्तव्य, सत्कर्म) का इस ढंग से विचार करना चाहिए कि यह हमारे आत्मज्ञान और अविद्या-निवृत्ति में किस रीति से मददगार होता है । एक होता है अपनी वासना के अनुसार चलना और एक होता है दूसरी की आज्ञा के अनुसार चलना । जो व्यक्ति बड़ों की आज्ञा का उल्लंघन करता है उसके हृदय …

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