317 ऋषि प्रसादः मई 2019

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ज्ञान के चार प्रकारों को जानो – पूज्य बापू जी


ज्ञान चार प्रकार का होता हैः 1 प्रत्यक्ष 2 परोक्ष 3 अपरोक्ष 4 साक्षात् अपरोक्ष । जो इन्द्रियों के सम्मुख है, जो चीज वस्तु आदि इन्द्रियों से अनुभव किये जाते हैं उनको बोलते हैं प्रत्यक्ष । जो अप्रत्यक्ष हो अर्थात् वर्तमान में इन्द्रियों से जिसका अनुभव नहीं होता परंतु जिसके होने में अन्य प्रमाण हो, …

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कैसे करें ग्रीष्म ऋतु में स्वास्थ्य की रक्षा ?


ग्रीष्मकाल में सूर्य की तीक्षण किरणें शरीर में स्थित जलीय व स्निग्ध अंश को अवशोषित करती हैं, जिससे रस, रक्त व शुक्र धातुएँ क्षीण होती हैं एवं वायु का संचय तथा कफ का क्षय होता है । इससे शारीरिक बल घटता है तथा जठराग्नि व रोगप्रतिरोधक क्षमता भी घटने लगती है । सभी ऋतुओं में …

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दोषहर, सप्तधातुवर्धक व स्वास्थ्यप्रद फलः आँवला


आँवले को धात्रीफल भी कहा जाता है । यह त्रिदोषशामक, विशेषकर पित्त व कफ शामक है । आँवला शुक्रवर्धक, रुचिकर, भूखवर्धक, भोजन पचाने में सहायक, मलमूत्र को साफ लाने वाला व शरीर की गर्मी को कम करने वाला है । यह शरीर की रस, रक्त आदि सप्तधातुओं के दोषों को दूर करता है । आँवले …

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