225 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2011

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

रस्सा काट दो !


पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से एक दिन सुबह शिवाजी की माँ दातुन  कर रही थीं। उन्होंने शिवाजी से हाथ का इशारा करते हुए कहाः “शिवा ! ये देखो, मैं रोज सुबह दुष्टों का झंडा देखती हूँ। इसका कुछ उपाय करो।” शिवाजी ने सोचा, ‘यह ताना जी का काम है और वे छुट्टी पर हैं। …

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नाहक की कमाई


पुराने समय की बात है। दिल्ली में एक बादशाह राज्य करता था। एक रात को वह वेश बदलकर घूमने निकला तो क्या देखा कि खजाने में रोशनी हो रही है। उसने मन में सोचा, ‘इस समय आधी रात को खजाने में कौन है और क्या कर रहा है ?’ जाकर देखा तो खजानची बैठकर हिसाब …

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तीन मुक्कों की सीख


पूज्य बापू जी के सद्गुरुदेव स्वामी श्री लीलाशाह जी महाराज बच्चों के चरित्र पर बहुत ध्यान देते थे तथा उन्हें प्यार भी करते थे। कहते थे कि ‘बालक सुधरे तो मानो भारत सुधरा। बच्चे ही आगे चलकर देश का नाम रोशन करते हैं।’ कोई भी बच्चा उनका दर्शन करने जाता था तो उससे पूछते थेः …

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