052 ऋषि प्रसादः अप्रैल 1997

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

स्वप्न में मंत्रदीक्षा


मुझे आज से 5-7 वर्ष पूर्व पंचेड़ (रतलाम) आश्रम पर पूज्य श्री द्वारा मंत्रदीक्षा मिली थी परन्तु उस समय मुझे इस अति अनमोल धरोहर के महत्त्व का पता नहीं होने से मैं पता नहीं कैसे, अपना गुरुमंत्र भूल गयी। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ ? गुरुमंत्र गुप्त …

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राम तत्त्व की महिमा


पूज्यपाद संत श्री आसाराम जी बापू एक दिन पार्वती जी ने महादेव जी से पूछाः “आप हरदम क्या जपते रहते हैं ?” उत्तर में महादेव जी विष्णुसहस्रनाम कह गये। अन्त में पार्वती जी ने कहाः “ये तो आपने हजार नाम कह दिये। इतना सारा जपना तो सामान्य मनुष्य के लिए असंभव है। कोई एक नाम …

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मनोनिग्रह की महिमा


एक मनोवैज्ञानिक मीमांसा पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू लोग कहते हैं कि यह प्रगति का युग है लेकिन वास्तव में यह भारी अवनति का युग है। आज के जवानों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है। चारों ओर से उन पर विकारों को भड़काने वाले आक्रमण होते रहते हैं। एक तो वैसे ही पशु-प्रवृत्तियाँ यौन …

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