236 ऋषि प्रसादः अगस्त 2012

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

विश्व संस्कृति का उदगम स्थानः भारतवर्ष


भारतीय संस्कृति से विश्व की सभी संस्कृतियों का उदगम हुआ है क्योंकि भारत की धरा अनादिकाल से ही संतों-महात्माओं एवं अवतारी महापुरुषों की चरणरज से पावन होती रही है। यहाँ कभी मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम अवतरित हुए तो कभी लोकनायक श्रीकृष्ण। संत एकनाथ जी, कबीर जी, गुरुनानकजी, स्वामी रामतीर्थ, आद्य शंकराचार्य जी, वल्लभाचार्यजी, रामानंदचार्यजी, भगवत्पाद साँई श्री …

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वर्षा ऋतु में लाभदायी अजवायन


अजवायन उष्ण, तीक्ष्ण, जठराग्निवर्धक, उत्तम वायु व कफनाशक, आमपाचक व पित्तवर्धक है। वर्षा ऋतु में होने वाले पेट के विकार, जोड़ों के दर्द, कृमिरोग तथा कफजन्य विकारों में अजवायन खूब लाभदायी है। अजवायन में थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से मंदाग्नि, अजीर्ण, अफरा, पेट का दर्द एवं अम्लपित्त (एसिडिटी) में राहत …

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वास्तविक उन्नति


(पूज्य बापूजी की अमृतवाणी) लोग बोलते हैं, ʹउन्नति-उन्नति…..ʹ लेकिन अपनी-अपनी मान्यता और कल्पना की उन्नति एक बात है। वास्तविक उन्नति कौन सी है ? बढ़िया फर्नीचर है, बढ़िया खाने-पीने की चीजें बहुत हैं, घूमने के साधन बहुत हैं अर्थात् जिसमें भोग-सामग्री बढ़ाने की वृत्ति हो, वह समझो पैशाचिक उन्नति है। भोग-सामग्री बढ़ाकर जो अपने को …

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