280 ऋषि प्रसादः अप्रैल 2016

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

प्रेम की मूर्ति और दया का समुद्रः सीता जी


(श्री सीता नवमीः 14 मई 2016) राम जी ने रावण को स्वधाम पहुँचाने के बाद हनुमान जी को अशोक वाटिका में जा के सीता जी को विजय का संदेशा देकर आने की आज्ञा दी। हनुमान जी अशोक वाटिका पहुँचे, सीता माँ को साष्टाँग दण्डवत प्रणाम किया और कहाः “माँ ! प्रभु ने रावण का वध …

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श्रेष्ठ रोगहारी अमृत संजीवनीः ग्वारपाठा


  ग्वारपाठा या घृतकुमारी स्वास्थ्यरक्षक, सौंदर्यवर्धक तथा रोगनिवारक गुणों से भरपूर है। यह शरीर को शुद्ध और सप्तधातुओं को पुष्ट कर रसायन का कार्य करता है। यह रोगप्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में अति उपयोगी एवं त्रिदोषशामक, जठराग्निवर्धक, बल, पुष्टि व वीर्य वर्धक तथा नेत्रों के लिए हितकारी है। यह यकृत के लिए वरदान स्वरूप …

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चित्त रूपी सागर से चैतन्य का अमृत खोजने की व्यवस्थाः कुम्भ पर्व


(उज्जैन कुम्भः 22 अप्रैल से 21 मई 2016) कुम्भ पर्व का इतिहास व उद्देश्य अनादि काल से मानव अमरता की खोज करता चला आया। मरने वाले शरीर में अमर आत्मा छुपा है। देव, असुर – सब अमरता चाहते हैं। आपकी आसुरी वृत्ति भी अमर सुख, सदा सुख चाहती है और दैवी वृत्ति भई सुख चाहती …

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