303 ऋषि प्रसादः मार्च 2018

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हे मन ! तू परमात्मा में लग


एतस्माद्विरमेन्द्रियार्थगहनादायासकादाश्रय श्रेयोमार्गमशेषदुःखशमनव्यापारदक्षं क्षणात्। स्वात्मीभावमुपैहि सन्त्यज निजां कल्लोललोलां गतिं मा भूयो भज भङ्गुरां भवरतिं चेतः प्रसीदाधुना।। ‘हे चित्त ! श्रोत्रादि इन्द्रियों के शब्दादि विषयरूपी वन से विश्राम ले अर्थात् इऩ लौकिक वस्तुओं से मुँह मोड़ व जिससे क्षणभर में ही सारे दुःखों की निवृत्ति हो जाती है ऐसे ज्ञानमार्ग का अनुसरण करके ‘स्व’ स्वरूप का अनुसंधान …

Read More ..

हुआ प्रकाश, बरसे आँसू


एक बार संत नामदेव जी के सत्संग में श्यामनाथ नामक एक धार्मिक व्यक्ति अपने पुत्र तात्या को लेकर आये। श्यामनाथ जी पक्के सत्संगी थे जबकि उनका पुत्र धर्म-कर्म और साधु-संतों की संगति से दूर भागता था। पिता ने संत को दंडवत् प्रणाम कर कहाः “महाराज ! यह मेरा पुत्र तात्या सारा दिन कामचोरी और आवारागर्दी …

Read More ..

हानिकारक कैमिकल मोस्कीटो रिपेलेंट से सावधान !


प्रस्तुत है प्राकृतिक मच्छर-विकर्षक अधिकतर chemical mosquito repellents (रासायनिक मच्छर विकर्षक) उत्पादों में DEET (N.N-Diethyl-meta-toluamide) नामक केमिकल का उपयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। इसके उपयोग से त्वचा में उत्तेजना व चकत्ते, होठों में जलन व सुन्नपन, मिचली, सिरदर्द, चक्कर आना, एकाग्र होने में कठिनाई आदि समस्याएँ पैदा होती …

Read More ..