118: अक्तूबर 2002 : ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

माँ लक्ष्मी का निवास कहाँ ?


  संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से दीपावली- 28 अक्टूबर  से  31 अक्टूबर 2016 युधिष्ठिर ने पितामह भीष्म से पूछाः “दादा जी ! मनुष्य किन उपायों से दुःखरहित होता है ? किन उपायों से जाना जाय कि यह मनुष्य दुःखी होने  वाला है और किन उपायों से जाना जाय कि मनुष्य सुखी होने वाला …

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संत चरनदास जी


  अलवर शहर (राजस्थान) से 8 कि.मी. दूर डेहेरा नामक गाँव में सन् 1703 ई. के भादों शुक्ल तृतिया, मंगलवार के दिन पिता मुरलीधर व माता कुंजीदेवी के घर संत चरनदास जी का अवतरण हुआ। नामकरण संस्कार के समय उनका नाम रणजीत रखा गया। उनके पिताश्री साधु स्वभाव के, त्यागी वृत्तिवाले, प्रभुभक्त और एकांत प्रेमी …

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योगविद्या से भी ऊँची है आत्मविद्या


  संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से योग में चित्तवृत्ति का निरोध हो जाता है और व्यक्ति समाधिस्थ हो जाता है। समाधि से सामर्थ्य आता है, परंतु जीवत्व बाकी रह जाता है। ‘पातंजल योगदर्शन’ और ‘कुंडलिनी योग’ के अनुसार अभ्यास करने पर मनोजय हो जाता है, समाधि हो जाती है, सामर्थ्य आ जाता …

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