357 ऋषि प्रसाद: सितम्बर 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हम इंतज़ार करते हैं कि आप वहाँ कब पहुँचते हो – पूज्य बापू जी


यह वह दिन है जिसकी बाट जीव करोड़ों जन्मों से देखता है ।जीव कई बार जन्म लेता है और मर जाता है – जिस पद को पाये बिनासब करा-कराया छोड़ के रीता हो जाता है, उस पद को प्राप्त करानेवाला यह आत्मसाक्षात्कार का दिवस है । श्रीकृष्ण, श्रीराम, शिवजी केदर्शन हो जायें, यह बडी बात …

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संकल्प की उत्पत्ति और उसके त्याग का विज्ञान


संकल्प से ही कामना बनती है और कामना बनती है तो बिगड़तीभी है । कोई भी कामना सदा टिकेगी नहीं । कितना भी धन मिल जायव्यक्ति धन से ऊब जायेगा, थक जायेगा, धन से तृप्ति नहीं होगी ।ऐसे ही सम्भोग से ऊब जायेगा, थक जायेगा, तृप्ति नहीं होगी औरअपने आपको जान लेगा तो तृप्ति मिटेगी …

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संकल्प की शक्ति – पूज्य बापू जी


शुभ संकल्प में क्या ताकत है उसका बयान मैं नहीं कर सकता हूँ। गंगाराम हो गये सिंधी साँईं, उन्होंने मेरे गुरु जी पूज्यपाद लीलाशाहजी प्रभु का गांधी जी से जुड़ा एक प्रसंग बताया ।महात्मा गांधी ने हरिजन-हित के लिए उपवास रखा था और वेसच्चे आदमी थे । उनकी तबीयत लड़खड़ा गयी । यह बात शहदादपुर …

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