351 ऋषि प्रसाद: मार्च 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

शंखनाद व शंखजल पवित्र क्यों ?


हमारी संस्कृति में पूजा-पाठ, उत्सव, हवन, स्वागत सत्कार आदि शुभ अवसरों पर शंख बजाया जाता है, जो विजय समृद्धि, यश और शुभता का प्रतीक माना जाता है । मंदिरों में प्रातःकाल और सायं-संध्या के समय शंख बजाना, शंख में जल भरकर पूजा स्थल पर रखना और पूजा-पाठ अनुष्ठान आदि समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं पर …

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लोभ करना हो तो इसका करो… – पूज्य बापू जी


प्रतिदिन हजार बार भगवन्नाम लेने से जीवात्मा के पतन का द्वार बन्द हो जाता है । कितनी भी उन्नति हो जाय पर 10 माला भूलना मत, सारस्वत्य मंत्र, गुरुमंत्र की कम-से-कम 10 माला जरूर करना । और 10 माला ही करके रुकना मत, अधिकं जपं अधिकं फलम् । तुकाराम महाराज केवल हजार बार भगवन्नाम नहीं …

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बहादुर माँ का वह बहादुर बच्चा ! – पूज्य बापू जी


लाल बहादुर शास्त्री के पिता मर गये थे तब विधवा माँ ने सोचा कि ‘मेरा कर्तव्य है बच्चे को पढ़ाना ।’ पैसे तो थे नहीं । अपने घर से कोसों दूर किसी पैसे वाले रिश्तेदार के यहाँ हाथाजोड़ी करके लाल बहादुर को रख दिया । पैसे वाले तो पैसे वाले ही होते हैं, उन्होंने लाल …

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