258 ऋषि प्रसादः जून 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

विश्वप्रेम की जाग्रत मूर्ति हैं सदगुरुदेव – पूज्य बापू जी


  (गुरु पूर्णिमाः 12 जुलाई 2014) सदगुरु-महिमा गुरु के बिना आत्मा-परमात्मा का ज्ञान नहीं होता है। आत्मा परमात्मा का ज्ञान नहीं हुआ तो मनुष्य पशु जैसा है। खाने-पीने का ज्ञान तो कुत्ते को भी है। कीड़ी को भी पता है कि क्या खाना, क्या नहीं खाना है, किधर रहना, किधर से भाग जाना। किधर पूँछ …

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साधना का खजाना बढ़ाने का सुवर्ण अवसरः चतुर्मास


(8 जुलाई से 4 नवम्बर 2014) पूज्य बापू जी चतुर्मास में भगवान नारायण शेषशैया पर योगनिद्रा में विश्रांतियोग करते हैं। इन दिनों में मकान-दुकान बनाना, शादी-विवाह और सकाम मांगलिक कार्य करना वर्जित है। चतुर्मास में पति-पत्नि का सांसारिक व्यवहार न करने का व्रत लें तो आपका बल, बुद्धि, ओज और तबीयत अच्छी रहेगी। ब्रह्मचर्य व …

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नौ लक्षण बनाते हैं गुरु कृपा का अधिकारी


सदगुरु की कृपा पाने के लिए शिष्य में जिन लक्षणों का होना आवश्यक है, उनका वर्णन करते हुए भगवान श्रीकृष्ण उद्धवजी से कहते हैं- “हे उद्धव ! सभी प्रकार के अभिमानों में ज्ञान का अभिमान छोड़ना बहुत कठिन है। जो उस अभिमान को छोड़ने के लिए तैयार हो जाता है, वह मान-सम्मान की ओर नहीं …

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