317 ऋषि प्रसादः मई 2019

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हे मनुष्य ! तू ईश्वरीय वचन को स्वीकार कर


अपक्रामन् पौरूषेयाद् वृणानो दैव्यं वचः । प्रणीतीरभ्यावर्तस्व विश्वेभिः सखिभिः सह ।। ‘हे मनुष्य ! पुरुषों की, मनुष्यकृत बातों से हटता हुआ देव-संबंधी, ईश्वरीय वचन को श्रेष्ठ मान के स्वीकार करता हुआ तू इन दैवी उत्तम नीतियों का, सुशिक्षाओं का अपने सब साथी मित्रों सहित सब प्रकार से आचरण कर ।’ (अथर्ववेदः कोड 7 सूक्त 105, …

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जो कछु किया सो हरि किया, भया कबीर कबीर….


(पूज्य बापू जी के सत्संग से) (संत कबीरजी जयंतीः 17 जून 2019) संत कबीर जी सार सत्य कहते थे, इससे उनकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी । एक बार कुछ लोगों ने सोचा कि ‘इनकी बेइज्जती हो, ऐसा कुछ करें ।’ धर्म के कुछ ठेकेदारों ने लोगों में फैला दिया कि ‘संत कबीर जी के यहाँ भँडारा …

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महापुरुष देते अजब युक्तियाँ


(गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवसः 7 जून 2019) एक दिन मंगलसेन नाम का एक व्यक्ति अपनी मंडली के साथ गुरु अर्जुनदेव जी के दरबार में आया । उसने प्रार्थना कीः “गुरु महाराज ! कोई ऐसी युक्ति बताइये जिससे हमारा भी कल्याण हो जाय ।” अर्जुनदेव जी बोलेः “जीवन में सत्य पर पहरा देना सीखो, कल्याण …

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