353 ऋषि प्रसाद: मई 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सत्संग अर्थात् क्या ?


सत्यस्वरूप जो पहले था, अभी है, बाद में रहेगा उसको जानने की रुचि होना यह सत्संग है । सत्संग… हिंदी में ‘संग’ माने साथ, मिलन । पति-पत्नी संग जा रहे हैं, भाई-भाई संग जा रहे हैं… मिलाप को संग बोलते हैं परंतु संस्कृत में संग बोलते हैं आसक्ति को, प्रीति को । संसार में आसक्ति …

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मति को सत् की तरफ लगाओ – पूज्य बापू जी


सभी में भगवान हैं और सभी भगवत्स्वरूप हैं लेकिन भटक रहे हैं क्योंकि कुसंग ज्यादा है, सत्संग कभी-कभार मिलता है । सत्संग में दृढ़ता रहे तो कोई तकलीफ, मुसीबत टिक नहीं सकती । प्रारब्ध वेग से तकलीफ, मुसीबतें आयेंगी परंतु उनका आप उपयोग कर लोगे । कोई भी तकलीफ आये तो उसको इतना महत्त्व न …

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तो सौदा सस्ता है


गुफा में लाख वर्ष का अँधेरा है लेकिन दीया जलाओ तो लाख वर्ष के अँधेरे का प्रभाव नहीं रहेगा । ऐसे ही लाखों-करोड़ों वर्ष के जीवत्व के, जन्म-मरण के संस्कार हैं परंतु सत् का संग हो गया तो करोड़ों वर्षों के अज्ञान का प्रभाव नहीं रहेगा । इसलिए सत् के संग से एक सप्ताह में …

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