354 ऋषि प्रसाद: जून 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वर्षा ऋतु में कैसे करें स्वास्थ्य की रक्षा ? – पूज्य बापू जी


वर्षा ऋतु में लोग बारिश के पानी में नहाते हैं जो कि हानि करता है । इससे बुढ़ापे में वायुप्रकोप और जोड़ों के दर्द के साथ-साथ गठिया, लकवा (paralysis) आदि होने की सम्भावना बढ़ती है । वर्षा ऋतु में गुनगुने जल से स्नान करें । अगर दीर्घजीवी व स्वस्थ रहना है तो बारिश के दिनों …

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वर्षभर का हिसाब कर आगे बढ़ने का संकल्प लेने का दिवस – पूज्य बापू जी


गुरुपूर्णिमा मनुष्य जीवन को सुव्यवस्थित करने वाली, लघु को ऊँचा बनाने वाली पूर्णिमा है । लघु वस्तुओं की आसक्ति और प्रीति जीव को तुच्छ बनाती है और परमात्मा की प्रीति व ज्ञान जीव को महान बना देते हैं । ‘गुरु’ माने बड़ा । श्रुति, युक्ति, अनुभूति से जीवन का बड़े-में-बड़ा रहस्य, बड़े-में-बड़ा काम, बड़े-में-बड़ी उपलब्धि …

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पीपल वृक्ष का महत्त्व क्यों ?


पीपल को सभी वृक्षों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है । इसे ‘वृक्षराज’ कहा जाता है । पूज्य बापू जी के सत्संग-वचनामृत में आता हैः ″पीपल की शास्त्रों में बड़ी भारी महिमा आयी है । भगवान श्रीकृष्ण ने कहा हैः अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां… ‘मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूँ ।’ ( गीताः 10.26 ) पीपल …

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