265 ऋषि प्रसादः जनवरीः 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

पुत्रवान भव राजन् – पूज्य बापू जी


राजा दिलीप को कोई संतान नहीं थी। वे गुरु वसिष्ठ के चरणों में गये और प्रार्थना कीः “गुरुवर ! ऐसा कोई उपाय बतायें जिससे मैं संतानप्राप्ति कर सकूँ।” गुरुवर वसिष्ठजी ने कहाः “राजन् ! आश्रम में रहकर नंदिनी गाय की सेवा करो। अगर उसकी सेवा से उसे संतुष्ट कर सको तो काम बन जायेगा।” गुरुवर …

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चार स्थान जहाँ सांसारिक बातें हैं वर्जित


चार जगहों पर सांसारिक बातें नहीं करनी चाहिए, केवल भगवत्स्मरण ही करना चाहिए। ये चार स्थान हैं- मंदिर, श्मशान, रोगी के पास, गुरु निवास श्मशान में कभी गये तो ‘तुम्हारा क्या हाल है ? आजकल धंधा कैसा चल रहा है ? सरकार का ऐसा है….’ ऐसी इधर-उधर की बातें न करें वरन् अपने मन को …

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गुरुकृपा से जीवन-परिवर्तन


साध्वी रेखा बहन 20 साल पहले दीवाली के दिनों में शिविर भरने मेरी बड़ी बहने उल्हासनगर से अहमदाबाद आ रही थीं तो मैं भी घूमने के बहाने आ गयी। आश्रम में बहुत भीड़ थी और मैंने पूज्य बापू जी को कभी प्रत्यक्ष नहीं देखा था। प्राणायाम, ॐकार का गुंजन आदि के लिए तो मुझे लगता …

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