साधना में सत्संग की आवश्यकता
संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से जप, तप, व्रत, उपवास, ध्यान, भजन, योग आदि साधन अगर सत्संग के बिना किये जायें तो उनमें रस नहीं आता। वे तो साधनमात्र हैं। सत्संग के बिना वे व्यक्तित्व के सिंगार बन जाते हैं। जब तक ब्रह्मवेत्ता महापुरुष का जीवंत सान्निध्य इन साधनों को सुहावना नहीं बनाता, तब …