हवाई जहाज की यात्राः तत्त्वज्ञान
(पूज्य बापू जी की पावन अमृतवाणी) उद्धव ने देखा कि अब सोने की द्वारिका के साथ पूरा यदुवंश यानी भगवान का पूरा परिवार उनकी आँखों के सामने खत्म हो रहा है, फिर भी श्रीकृष्ण को कोई शोक नहीं, आसक्ति नहीं। वे आत्मा में निष्ठ हैं, तत्त्व में खड़े हैं। वे प्रपंच को सत्य नहीं मानते। …