एक नाव में सवार होने वाले तो तरते हैं लेकिन…
बाबा फरीद नाम के एक सूफी फकीर हो गये। वे अनन्य गुरुभक्त थे। गुरु जी की सेवा में ही उनका सारा समय व्यतीत होता था। एक बार उनके गुरु ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार ने उनको किसी खास काम के लिए मुलतान भेजा। वहाँ उन दिनों में शाह शम्स तबरेज के शिष्यों ने अपने गुरु के नाम …