339 ऋषि प्रसादः मार्च 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सुविधा से नहीं, सादगी से उन्नति – पूज्य बापू जी


धर्म के रास्ते पर प्रतिकूलताएँ, विरोध आयें और व्यक्ति डटा रहे तो वे सुषुप्त शक्तियाँ जगाने में बड़ा काम करते हैं । बालक 5-6 साल के और जनेऊ मिल गया, मुंडन हो गया राम, लखन, भरत, शत्रुघ्न का और रानियाँ देखती रह गयीं कि ‘हमारे मासूम अब गुरुकुल में जायेंगे ।’ रथ तो तैयार है …

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शास्त्रों का जितना अधिक आदर, उतना अधिक लाभ ! – पूज्य बापू जी


ग्रंथ क्यों आदरणीय हैं ? ग्रंथों में देखा जाय तो कागज और स्याही के सिवाय कोई तीसरी चीज नहीं होती । कागज और स्याही होती है और होते हैं वर्णमाला के अक्षर, जो तुम स्कूल में पढ़े हो, पढ़ाते हो । उन्हीं अक्षरों का मिश्रण होगा उसमें, और क्या होगा ? लेकिन फिर भी  वर्णमाला …

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जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है मितव्ययिता – पूज्य बापू जी


प्रसिद्ध उद्योगपति घनश्याम बिरला का लड़का, जिसकी मँगनी हो चुकी थी, दीवाली के दिन उसका ससुर आया था । वह लड़का मोमबत्ती जला रहा था तो हवा में एक तीली बुझ गयी तो उसने दूसरी जलायी, दूसरी भी बुझ गयी । मोमबत्ती को सँभाल के तीसरी तीली जलायी, हवा जोरों की थी, वह भी बुझ …

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