कर्मयोग से विदेहमुक्ति तक की यात्रा – संत भोले बाबा
ईश्वरार्पण बुद्धि से कर्म करने का नाम ‘कर्मयोग’ है । निष्काम कर्मों का अनुष्ठान करने से अंतःकरण शुद्ध हो जाता है । अंतःकरण शुद्ध होने से ( सद्गुरु का वेदांत-उपदेश हृदय में शीघ्र ठहर कर ) आत्मा का ज्ञान हो जाता है । आत्मज्ञान होने से भोगों की आसक्ति निवृत्त जाती है और भोगों की …