पैदल भ्रमण करते समय शरीर सीधा व वस्त्र कम रहें । दोनों हाथ
हिलाते हुए और नाक से गहरे-गहरे श्वास लेते हुए भ्रमण करना चाहिए
। गहरे श्वास लेने से प्राणायाम का भी लाभ मिलता है । शारीरिक के
साथ यह मानसिक स्वास्थ्य में भी लाभदायी है । इससे काम, क्रोध,
ईर्ष्या आदि मनोदोषों का शमन होता है तथा एकाग्रता विकसित होती है
। ओस की बूँदों से युक्त हरी घास पर टहलना अधिक हितकारी है । यह
नेत्रों के लिए विशेष लाभकारी है । वर्षा के दिनों में भीगी घास पर टहल
सकते हैं ।
भ्रमण सामान्यरूप से अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार मध्यम
गति से ही करें । सुश्रुत संहिता (चिकित्सा स्थानः 24.80) में आता हैः
यत्तु चङ्क्रमणं नातिदेहपीडाकरं भवेत् ।
तदायुर्बलमेधाग्नप्रदमिन्दियबोधनम् ।।
‘जो भ्रमण शरीर को अत्यधिक कष्ट नहीं देता वह आयु, बल एवं
मेधा (धारणाशक्तिसम्पन्न श्रेष्ठ मति) प्रदान करने वाला होता है,
जठराग्नि को बढ़ाता है और इन्द्रियों की शक्ति को जागृत करता है ।’
डॉ. जे.बी. स्क़ॉट ने लिखा हैः ‘मध्यम गति से भ्रमण करना
अधिकांश व्यक्तियों के लिए एक सुंदर व्यायाम है ।’
भ्रमण है अनेक रोगों में लाभकारी
स्नाय़ु दौर्बल्य, मानसिक रोग, अऩिद्रा, स्वप्नदोष, सर्दी, खाँसी,
सिरदर्द, कब्ज, दुबलापन और कमजोरी आदि में टहलना रामबाण औषधि
है । इन रोगों में प्रातः भ्रमण का लाभ बताते हुए डॉ. कार्नेलिया ई.
फिलिप्स, डी.ओ. कहते हैं- “मैं यह बात अपने 30 वर्षों के अऩुभव से
कह रहा हूँ, जिस अवधि में मैंने इन रोगों से पीड़ित न जाने कितने
निराश, हताश और निरुपाय रोगियों को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ कराया है ।
इसलिए मुझे दृढ़ विश्वास हो गया है कि खोये हुए स्वास्थ्य को फिर से
पाने का यह कुदरती तरीका इतना प्रभावशाली है कि इसके बारे में चाहे
जितना भी कहा जाय उसमें अतिशयोक्ति नहीं होगी ।”
भ्रमण से मोटापा कम होता है, भूख खुलकर लगती है, पुराने कब्ज
व अपच में यह उत्तम औषधि का काम करता है । यह युवकों में काम-
वासना को नियंत्रित करता है ।
आधुनिक अनुसंधानों के परिणाम
आधुनिक अनुसंधानों में पाया गया है
पैदल चलने से संधिवात संबंधी दर्द कम हो जाता है । हर हफ्ते 5-
6 मील (8-10 कि.मी.) तक पैदल चलने से संधिवात की बीमारी होने से
भी बचा जा सकता है ।
जैसे-जैसे पैदल चलना बढ़ जाता है वैसे-वैसे कोरोनेरी हृदयरोगों
(हृदय की रक्तवाहिनियों में अवरोध) के होने का जोखिम कम होता
जाता है । आम जनता में कोरोनेरी हृदयरोगों की रोकथाम के लिए
भ्रमण को एक आदर्श व्यायाम के रूप में बढ़ावा देना चाहिए ।
पैदल चलने से व्यक्ति की रचनात्मकता में औसतन 60 प्रतिशत
तक की वृद्धि होती है ।
भ्रमण उच्च रक्तचाप व टाइप 2 मधुमेह होने के जोखिम को कम
करता है ।
जापान में हुए एक शोध में यह पाया गया कि निर्धारित दैनिक
भ्रमण करने वाले वृद्धों के एक समूह में 12 सप्ताह बाद स्मरणशक्ति,
ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता, विभिन्न कार्यों को बीच में आपस में
बदलने की क्षमता और कार्यशील स्मृति में एक से अधिक कार्य रखने
की क्षमता में काफी वृद्धि हुई ।
ध्यान रखें
घास न हो तो नंगे पैर भ्रमण न करें । नंगे पैर भ्रमण रोगकारक,
नेत्रज्योति व आयु नाशक है । भ्रमण प्रदूषणरहित स्थान पर करें । यदि
यह सुविधा न हो सके तो अपने घर की छत के ऊपर गमलों में तुलसी,
मोगरा, गुलाब आदि लगाकर सुबह-शाम उनके आसपास पैदल चल सकते
हैं ।
स्रोतः ऋषि प्रसाद, फरवरी 2023, पृष्ठ संख्या 30,31 अंक 362
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