Shanka Samadhan

गुरु व माता-पिता अनादर के योग्य नहीं- डॉ. प्रेमजी


किसी भी बर्ताव के कारण गुरु अपमान के योग्य नहीं होता । इसी तरह माता और पिता भी अनादर के योग्य नहीं है। वे तीनों कदापि अपमान के योग्य नहीं है । उनके किये हुए किसी भी कार्य की निंदा नहीं करनी चाहिए । गुरु, पिता और माता के प्रति जो मन, वाणी और क्रिया …

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गुरु व माता-पिता की आज्ञा का महत्व – डॉ. प्रेमजी


अब छोरी कहती है, “हमारे परिवार में अलग अलग स्वभाव, रूचि व मत के व्यक्ति हों फिर भी घर के बड़े व्यक्ति को सभी से तालमेल बिठाकर सबको साथ लेकर चलना चाहिए। इसी में परिवार का कल्याण निहित है।” जिस छोरी को उसकी WEBSITE में अपना जीवन चरित्र छपाते समय घर के बड़े व्यक्ति का …

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डॉ प्रेमजी के पत्र के जवाब का खंडन -9


आपने लिखा है “आपके आश्रम वाले  आते है सत्संग सुनने कुछ तो माल मिलता होगा ।“ ऐसा तो हमने कहा नहीं है कि कुछ नहीं मिलता. कथा मिलती है, कीर्तन, भजन मिलते है, बहुत कुछ मिलता है. पर साथ में श्रद्धांतरण का जहर भी मिलता है. जैसे किसी ने भोजन में हमें मेवे, मिठाइयां, स्वादिष्ट …

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