पीपक मुनि और ब्रह्मा जी
कश्यप कुल में एक कुमार था, जिसका नाम था पीपक। वह तपस्या का बड़ा धनी। मात्र 15 वर्ष की अवस्था में ही वह ‘पीपक मुनि’ होकर पूजा जा रहा था। दूर-दूर से बड़े-बड़े सेठ-साहूकार उसके दर्शनों के लिए आते थे। यहाँ तक कि बड़े-बड़े राजा-महाराजा भी पीपक मुनि के दर्शन करके अपने को भाग्यशाली मानते …