कर्म के प्रकार
(पुण्यतोया साबरमती के तट पर स्थित आश्रम में अपने एकांत निवास के दौरान कर्म के प्रकार का वर्णन करते हुए पूज्य श्री ने बतायाः) कर्म तीन प्रकार के होते हैं- प्रारब्ध कर्म, संचित कर्म और क्रियमाण कर्म। मान लो हजारों मन अनाज का ढेर पड़ा है, उसमें से आपने दस किलो अनाज पीसकर आटा बना …