351 ऋषि प्रसाद: मार्च 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

अपने साथ दुर्व्यवहार मत करो – पूज्य बापू जी


क्यों अपने दोषों को सम्भाले रखते हो, क्यों बड़बड़ को बढ़ाये रखते हो ? मौन का आश्रय लो । फरियाद न करो । चुगता है चकोर अंगार मगर, फरियाद किसी को सुनाता नहीं । अब सीख ले मौन का मंत्र नया, अब पिय का वियोग सुहाता नहीं । चकोर अपने पिया ( चन्द्रमा ) के …

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अंतर्यामी झूलेलाल तो सबके अंदर प्रकट हो सकते हैं – पूज्य बापू जी


चेटीचंड उत्सव मनाना मतलब अपनी कायरता को भगाना, अपनी खोट को दूर करने की कुंजी आजमाना, अपने में प्राणबल फूँकना, अपने शौक को दूर करना । चेटीचंड के दिन सब मतभेदों को भूलकर लोग मिल जाते हैं । सेठ भी नाचता है, नौकर भी नाचता है, मुनीम भी नाचता है तो नेता भी नाचता है, …

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हिचको मत


ईश्वरप्राप्ति के पथिक को अपने मार्ग पर कैसे बिना रुके, निशंक आगे बढ़ना चाहिए यह अपने एक जीवन-प्रसंग के माध्यम से बताते हुए स्वामी अखंडानंद कहते हैं- एक बार मैं दिल्ली से श्री हरिबाबा जी महाराज के बाँध पर जा रहा था और मुझे ट्रेन में बैठाने के लिए एक सज्जन आये थे । उन्होंने …

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