ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु द्वारा दिया हुआ मंत्र इष्टमंत्र है, सर्वोपरि मंत्र है ऐसा दृढ़ विश्वास रखना चाहिए फिर चाहे – ‘ड्रें-ड्रें’ मंत्र क्यों न हो । एक गुरु ने शिष्य को धनप्राप्ति के लिए दे दिया मंत्रः ″जा बेटा ! ‘ड्रें-ड्रें-ड्रें…’ जप करना ″ और वह ‘ड्रें-ड्रें’ को गुरु मंत्र समझकर लग गया जप में । …
मेरी जो भी संतान होती थी वह जीवित नहीं रहती थी । तीन बच्चे मर गये, इस कारण मैं बहुत निराश, व्यथित तथा उत्साहशून्य हो गया था । तीसरी संतान खोये एक माह ही बीता था कि तभी ‘ऋषि प्रसाद’ की सेवा योजना के माध्यम से मुझे अहमदाबाद आश्रम की वाटिका जैसी पूज्य श्री की …
ब्रह्मनिष्ठा स्वयं ही श्रेष्ठतम, अतुलनीय अद्वितीय ऊँचाई है । ब्रह्मनिष्ठा के साथ यदि योग-सामर्थ्य भी हो तो दुग्ध-शर्करा योग की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । ऐसा ही सुयोग देखने को मिलता है ब्रह्मवेत्ता पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू के जीवन में । एक ओर जहाँ आपकी ब्रह्मनिष्ठा साधकों को सान्निध्यमात्र से परम आनंद, …