356 ऋषि प्रसाद: अगस्त2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वटवृक्ष का महत्त्व क्यों ?


पीपल-वृक्ष के समान वटवृक्ष भी हिन्दू धर्म का एक पूजनीय वृक्ष है। वटवृक्ष विशाल एवं अचल होता है । हमारे अनेक ऋषि-मुनियों नेइसकी छाया में बैठकर दीर्घकाल तक तपस्याएँ की हैं । यह मन मेंस्थिरता लाने में मदद करता है और संकल्प को अडिग बना देता है ।यह स्मरणशक्ति व एकाग्रता की वृद्धि करता है …

Read More ..

स्यमंतक मणि की चोरी की कथा का गूढ़ रहस्य – पूज्य बापू जी


भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी का चन्द्रमा भूल से दिख जाय तो भागवत मेंदिया गया ‘स्यमंतक मणि की चोरी का प्रसंग’ सुनने से कलंक का जोरटूट जाता है । सत्राजित की भक्ति से तृप्त होकर भगवान सूर्य ने उसेस्यमंतक मणि दी । वह ऐसी मणि थी जो रोज सोना देती थी । ऐसीभी मणियाँ होती हैं जो …

Read More ..

सेवा रसमय हृदय का मधुमय, नित्य नूतन उल्लास है


सेवा कोटि-कोटि दुःख को वरण करके भी अपने स्वामी को सुखपहुँचाती है । व्यजन करने वाला (पंखा झलने वाला) स्वयं प्रस्वेद(पसीना) से स्नान करके भी अपने इष्ट को व्यजन का शीतल मंदसुगंधित वायु से तर करता है । यही सेवा ‘मैं’ के अंतर्देश में विराजमानआत्मा को इष्ट के अंतर्देश में विराजमान परमात्मा से एक कर …

Read More ..