विदेशी भाषा का घातक बोझ सबसे बड़ा दोष है !
महात्मा गाँधी राष्ट्रभाषा दिवसः 14 सितम्बर 2016 एक प्रांत का दूसरे प्रांत से संबंध जोड़ने के लिए एक सर्वसामान्य भाषा की आवश्यकता है। ऐसी भाषा तो हिन्दी-हिन्दुस्तानी ही हो सकती है। मराठी, बंगाली, सिंधी और गुजराती लोगों के लिए तो यह बड़ा आसान है, कुछ महीनों में वे हिन्दी पर अच्छा काबू करके राष्ट्रीय …