275 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भारत विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्र कैसे बनेगा ?


‘अमेरिकन इन्स्टीच्यूट ऑफ वैदिक स्टडीज़’ के निदेशक डेविड फ्रॉली हिन्दू धर्म की महिमा का बखान करते हुए कहते हैं- “हिन्दू धर्म अथवा हिन्दुत्व न तो कोई धर्मस्थली (चर्च) है और न ही यह कोई कट्टरपंथी (रूढ़िवादी) मत या पंथ है। हिन्दुत्व एक ऐसी अवधारणा है, जिसमें सम्पूर्ण मानवमात्र का समावेश है और इससे केवल वे …

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भारत में मानव-अधिकार नहीं हैं ?


-मिसेज ए. हिग्गिंस, लंदन, इंग्लैंड (अंग्रेजी में प्राप्त हुई ईमेल का अनुवाद) मैं एक 58 वर्षीय महिला हूँ, जिसका जन्म इंग्लैंड में हुआ था। मेरे माता-पिता के धर्म अलग-अलग थे। उन्होंने मुझे कोई भी धर्म अपनाने की स्वतंत्रता दी। मैंने बहुत सारे धर्म देखे लेकिन उनमें से कोई भी मुझे मेरे अनुकूल नहीं लगा। मैं …

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अडिग रहा वह शूरमा, पाया अविचल धाम


एक बार संत चरनदासजी के शिष्य गोसाईं जुगतानंद जी चुरु (राज.) पधारे। उनका सत्संग व दर्शन पाकर वहाँ के शासक काँधलोत राठौड़ वंश के हरिसिंह जी उनके शरणागत हो गये। उन्हीं के वंश के एक नवयुवक ने भी जुगतानंद जी से दीक्षा ले ली। गुरुकृपा से उसका वैराग्य जागा और वह संसार से उदासीन रहकर …

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