हर बच्चा बन सकता है महान
(श्री रंग अवधूत महाराज जयंतीः 20 नवम्बर 2015) कहते हैं- होनहार विरवान के होत चिकने पात। होनहार बालक की कुशलता, तेजस्विता एवं स्वर्णिम भविष्य के लक्षण बचपन से ही दिखने लगते हैं। पांडुरंग नाम का बालक 9 महीने की अल्प आयु में ही सुस्पष्ट और शुद्ध उच्चारण से बातचीत करने लगा। डेढ़ वर्ष की उम्र …