278 ऋषि प्रसादः फरवरी 2016

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है गोवध पर रोकः शोध


गाय से होने वाले आधिभौतिक, आधिदैविक व आध्यात्मिक लाभों से समाज लाभान्वित हो इस उद्देश्य से हमारे शास्त्रों व संत-महापुरुषों ने गाय को सेवा करने योग्य और आदरणीय बताया है तथा गोपालन व गौ-सरंक्षण की प्रेरणा दी है। ‘ऋग्वेद’ कहा गया हैः ‘इन गौओं पर वध करने के लिए आघात न करें।’ आज विज्ञान भी …

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ब्रह्मज्ञान का कल्याणकारी विवेचन


‘अवधूत गीता’ में श्री दत्तात्रेय जी ने साधकों के कल्याणार्थ वेदांत-मार्ग द्वारा गूढ़ ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति का सुंदर विवेचन किया है। आत्मानं सतत् विद्धि सर्वत्रैकं निरन्तरम्। अहं ध्याता परं ध्ययेमखण्डं खण्डयते कथम्।। (अवधूत गीताः 1.12) ‘आत्मा को (स्वयं को) तुम सर्वदा, सर्वत्र, एक एवं अबाधित (अवरोध या रूकावट रहित) जानो। ‘मैं ध्याता (ध्यान करने वाला) …

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मान किसका स्थिर रहता है ?


पूज्य बापू जी जो मान के योग्य कर्म करता है लेकिन मान की इच्छा नहीं रखता, उसका मान स्थिर हो जाता है। भगवान मान के योग्य कर्म करते हैं लेकिन भगवान में मान की इच्छा नहीं इसलिए भगवान का मान है। ऐसे ही समर्थ रामदासजी, एकनाथ जी, तुकाराम जी, साँईं लीलाशाह जी बापू, रमण महर्षि …

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