मुंज की गुरुभक्ति
पूज्यपाद संत श्री आशाराम जी बापू चाहे जीवन में कितनी भी विघ्न बाधाएँ आयें और चाहे कितनी भी प्रलोभन आयें किन्तु उनसे प्रभावित न होकर भी जो शिष्य गुरुसेवा में जुटा रहता है, वह गुरु का कृपापात्र बन पाता है। अनेक विषम कसौटियों में भी जिसकी गुरुभक्ति विचलित नहीं होती उसका ही जीवन धन्य है। …