भागवत प्रसाद
पूज्यपाद संत श्री आशाराम जी बापू कलियुगे के आदमी का जीवन कोल्हू के बैल जैसा है। उसके जीवन में कोई ऊँचा लक्ष्य नहीं है। किसी ने कलियुग के मानव की दशा पर कहा हैः पैसा मेरा परमेश्वर और पत्नी मेरी गुरु। लड़के-बच्चे शालिग्राम अब पूजा किसकी करूँ।। लोग इतने अल्प मति के हो गये हैं …