सब दोषों का मूलः प्रज्ञापराध
संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से प्रज्ञापराधो मूलं सर्वदोषाणाम्… सभी दोषों का मूल है प्रज्ञा का अपराध। इस संसार में जितने भी दुःख हैं वे सब बेवकूफी के कारण ही उत्पन्न होते हैं। जहाँ बेवकूफी है वहाँ दुःख है। जहाँ समझ है वहाँ सुख है। जहाँ सुमति तहँ संपति नाना। जहाँ कुमति तहँ दु-ख …