181 ऋषि प्रसादः जनवरी 2008

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सप्तचक्रों के ध्यान के लाभ


शरीर में आध्यात्मिक शक्तियों के सात केन्द्र हैं जिन्हें ‘चक्र’ कहा जाता है । ये चक्र चर्मचक्षुओं से नहीं दिखते क्योंकि ये हमारे सूक्ष्म शरीर में होते हैं । फिर भी स्थूल शरीर के ज्ञानतंतुओं-स्नायुकेन्द्रों के साथ समानता स्थापित करके इनका निर्देश किया जाता है । इन चक्रों का ध्यान करने से निम्नलिखित लाभ होते …

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जिसके बिना जीवन अधूरा….- पूज्य बापू जी


चित्त की विश्रांति से सामर्थ्य प्रकट होता है और सामर्थ्य का सदुपयोग करने से निर्भयता आती है । चित्त की विश्रांति प्रभुरस को प्रकट करने वाली कुंजी है । चित्त की विश्रांति प्रसाद की जननी है । विश्रांति साधन ब्रह्मज्ञान कराने में समर्थ है । जैसे – काम करते-करते थक जाते हैं फिर आराम करते …

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