209 ऋषि प्रसादः मई 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

जिसने सब दिया उसके लिये क्या किया ?


(पूज्य बापू जी का पावन अमृतवाणी) मनुष्य जब माँ के गर्भ में होता है तो प्रार्थना करता है कि ‘हे प्रभु ! तू मुझे इस दुःखद स्थिति से बाहर निकाल ले, मैं तेरा भजन करूँगा। वक्त व्यर्थ नहीं बिताऊँगा, तेरा भजन करके अपना जीवन सार्थक करूँगा।’ यह वादा करके गर्भ से बाहर आता है। बाहर …

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ग्रीष्म ऋतु विशेष


बलवर्धक आम ग्रीष्म ऋतुजन्य रूक्षता व दुर्बलता को दूर करने के लिए आम प्रकृति का वरदान है। पका देशी आम मधुर, स्निग्ध, वायुनाशक, बल, वीर्य, जठराग्नि व कफवर्धक, हृदय के लिए हितकारी, वर्ण निखारने वाला, शरीर को पुष्ट व मन को संतुष्ट करने वाला फल है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, लौह एवं विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, …

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आश्रम में नहीं होता है काला जादू – सी.आई.डी.


गुजरात सी.आई.डी. के डिटेक्टिव पुलिस इन्सपेक्टर पी.एम.परमार ने 6 अप्रैल 2010 को एक विस्तृत रिपोर्ट गुजरात उच्च न्यायालय में पेश की, जिसमें उन्होंने आश्रम को तंत्रविद्या व काला जादू के आरोप में क्लीन चिट दी है। सी.आई.डी. के शपथपत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि ‘सी.आई.डी. के उच्च अधिकारियों के एक बड़े दल के द्वारा …

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