अक्रोध और क्षमा
राजा युधिष्ठिर अक्रोध और क्षमा के मूर्तिमान स्वरूप थे । ‘महाभारत’ के वन पर्व में कथा आती है कि द्रौपदी ने एक बार युधिष्ठिर जी के मन में क्रोध का संचार करने की अतिशय चेष्टा की । उसने कहाः “नाथ ! मैं राजा द्रुपद की कन्या हूँ, पाण्डवों की धर्मपत्नी और ध्रुष्टद्युम्न की बहन हूँ …