श्रीरंगजी के प्रेरक उपदेश
(श्रीरंग अवधूत जयंती विशेष) एक बार श्रीरंग अवधूत जी से एक भक्त ने प्रश्न कियाः “महाराज ! हमें श्रेय़ के दर्शन क्यों नहीं होते और अश्रेय के तो बार-बार होते हैं ?” श्रीरंगजी बोलेः “वेदशास्त्र और सदगुरु-संतों का सेवन किये बिना ही श्रेय़ के दर्शन ?” “हम तो बहुत वर्षों से वेदशास्त्रों की बातें, कथाएँ …