245 ऋषि प्रसादः मई 2013

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हिन्दुओ ! संगठित होकर अपने धर्म की रक्षा करो


महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी केवल व्यवसायिक उन्नति से ही किसी देश की जनता का सुख तथा समृद्धि सुरक्षित नहीं रह सकती। आचार की उन्नति करना आर्थिक उन्नति से कहीं अधिक महत्त्व रखता है। प्रत्येक राष्ट्र अपने धर्म को अपनाता है। हिन्दुओं को इससे विचलित नहीं होना चाहिए। समस्त संसार में हिन्दुओं की ही एक …

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संस्कार ही सही और गलत राह पर ले जाते हैं – पूज्य बापू जी


जीवन में सावधानी नहीं है तो जिससे सुख मिलेगा उसके प्रति राग हो जायेगा और जिससे दुःख मिलेगा उसके प्रति द्वेष हो जायेगा। इससे इससे अनजाने में ही चित्त में संस्कार जमा होते जायेंगे एवं वे ही संस्कार जन्म मरण का कारण बन जायेंगे। ʹयहाँ सुख होगाʹ ऐसी जब अंतःकरण में संस्कार की धारा चलती …

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मंत्रजप से शुद्ध होते हैं जन्मकुण्डली के बारह स्थान – पूज्य बापू जी


शास्त्रों में जन्मकुण्डली के बारह स्थान बताये गये हैं। एक करोड़ जप पूरा होने पर उनमें से प्रथम स्थान-तनु स्थान शुद्ध होने लगता है। रजो-तमोगुण शांत होकर रोगबीजों व जन्म-मरण के बीजों का नाश होता है तथा शुभ स्वप्न आने लगते हैं। संतों, देवताओं व भगवान के दर्शन होने लगते हैं। कभी कम्पन होने लगेगा, …

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