यातनाएँ सहकर भी जिन्होंने किया समाज का मंगलः संत तुकाराम जी
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत तुकारामजी शरीर की सुधबुध भूलकर भगवान विट्ठल के भजन-कीर्तन में डूबे रहते। भगवान की भक्ति में प्रगाढ़ता आयी और उनके श्रीमुख से अभंगों के रूप में शास्त्रों का गूढ़ ज्ञान प्रकट होने लगा। तुकाराम जी भगवद् रस से सम्पन्न वाणी से लोगों के रोग-शोक दूर होने लगे, समाज उन्नत होने लगा …