274: अक्तूबर 2015 : ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

इससे घर, कुटुम्ब व समाज का मंगल हो जायेगा


(दूरदर्शन पर पूर्व प्रसारित पूज्य बापू जी का पावन संदेश) प्रश्नः गृहस्थियों के लिए मनुष्य-जीवन एक दलदल के समान हो गया है, एक चक्रव्यूह है और अध्यात्मवाद का संबंध हम संन्यास से जोड़ते हैं यानी यह सिर्फ संन्यासियों के लिए है। तो आध्यात्मिकता से हम अपने गृहस्थ-जीवन को कैसे सुधार सकते हैं ? पूज्य बापू …

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सच्चा धन और महाधनवान


(संत नामदेव जयंतीः 26 अक्तूबर) पंढरपुर में एक दानवीर साहूकार रहता था। वह अपने शरीर के वज़न के बराबर धन सम्पत्ति आदि तौलकर याचकों को देता था। उसे अपने धन-वैभव, दानवीरता का बड़ा अहंकार था। एक बार उसने सोचा, ‘क्यों न नामदेव को कुछ दान दिया जाय। वैसे भी वह बेचारा गरीब है और रात …

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भगवान किसको बचाते हैं ?


जगन्नाथपुरी से लगभग दस कोस दूर पीपली नामक गाँव में रघु केवट नाम का एक जवान लड़का रहता था। घर में पत्नी और बूढ़ी माँ थी। रघु मछलियाँ पकड़ने का काम करता था लेकिन पूर्वजन्म के संस्कारों से रघु के हृदय में भगवान की भक्ति थी। मछली जब उसके जाल में फँस जाती और तड़पती …

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