इससे घर, कुटुम्ब व समाज का मंगल हो जायेगा
(दूरदर्शन पर पूर्व प्रसारित पूज्य बापू जी का पावन संदेश) प्रश्नः गृहस्थियों के लिए मनुष्य-जीवन एक दलदल के समान हो गया है, एक चक्रव्यूह है और अध्यात्मवाद का संबंध हम संन्यास से जोड़ते हैं यानी यह सिर्फ संन्यासियों के लिए है। तो आध्यात्मिकता से हम अपने गृहस्थ-जीवन को कैसे सुधार सकते हैं ? पूज्य बापू …