कितना ऊँचा होता है महापुरुषों का उद्देश्य !
एक बार स्वामी दयानन्द सरस्वती अमृतसर में सरदार भगवान सिंह के मकान में ठहरे थे। एक दिन 7-8 घमंडी लोग अपने साथियों सहित दयानंद जी से शास्त्रार्थ करने आये और अकड़कर उनके सम्मुख बैठ गये। उन्हें शास्त्रार्थ तो क्या करना था, उनके साथियों ने धूल व ईंट-पत्थर फेंकने आरम्भ कर दिये। ऋषि दयानंद के इस …