तो यहीं, अभी जीवन्मुक्ति का विलक्षण सुख !
जीवन्मुक्ति माने नकद माल ! उधार माल नहीं । जीवन्मुक्ति माने तुरंत आनंद ! जीवन्मुक्ति माने गुलामी से छूटना । चीजों की, आदमियों की, लोक-लोकांतर की, जन्म-मरण की गुलामी से छूटना । यह जो दिन रात आपका अहं बदलता रहता है इसी का नाम पुनर्जन्म है । हाय-हाय ! आज मैंने पाप किया तो मैं …